🌍 अध्याय 3 – पृथ्वी का आंतरिक भाग (कक्षा 11 नोट्स)
पृथ्वी बाहर से ठोस दिखाई देती है, लेकिन अंदर से यह अलग-अलग परतों से बनी है, जिनकी विशेषताएँ अलग-अलग होती हैं। भूकंप, ज्वालामुखी और स्थलाकृतियों को समझने के लिए हमें पृथ्वी की आंतरिक संरचना का अध्ययन करना आवश्यक है। नीचे सरल भाषा में सभी विषय दिए गए हैं, ताकि दोहराना आसान हो सके।
🔹 पृथ्वी की मुख्य परतें
भूपर्पटी (Crust)
सबसे बाहरी ठोस परत। महाद्वीपीय भूपर्पटी की औसत मोटाई लगभग 30 किमी और महासागरीय भूपर्पटी की मोटाई 5 किमी होती है। यह मुख्य रूप से सिलिका (Si) और एल्युमिनियम (Al) से बनी होती है, जिसे सियल (SIAL) कहा जाता है।
मेंटल (Mantle)
भूपर्पटी के नीचे स्थित, 2900 किमी तक फैली हुई। इसकी संरचना मुख्यतः सिलिका (Si) और मैग्नीशियम (Mg) से बनी होती है, जिसे सिमा (SIMA) कहा जाता है। इसमें दो भाग होते हैं:
- ऊपरी मेंटल (एस्थेनोस्फीयर) – आंशिक रूप से पिघली हुई, लावा का स्रोत।
- निचली मेंटल – ठोस अवस्था में।
क्रोड़(Core)
2900 किमी से 6371 किमी गहराई तक फैला हुआ। मुख्य रूप से निकेल (Ni) और लौह (Fe) से बना है, जिसे नाइफे (NIFE) कहते हैं। बाहरी गर्भ द्रव है और आंतरिक गर्भ ठोस है।
📌 याद रखने की ट्रिक: SIAL (Si + Al), SIMA (Si + Mg), NIFE (Ni + Fe)
🔹 भूकंप
भूकंप पृथ्वी की सतह का अचानक हिलना है। केंद्र (Focus/ Hypocentre) वह स्थान है जहां से ऊर्जा निकलती है, और भूकेंद्र (Epicentre) वह स्थान है जो सतह पर सीधे ऊपर होता है।
भूकंपीय तरंगें (Seismic Waves)
भूकंप के दौरान तीन मुख्य प्रकार की तरंगें उत्पन्न होती हैं:
1. पी तरंगें (Primary Waves / Longitudinal)
सबसे तेज (5–8 किमी/सेकंड)। ठोस, द्रव और गैस में चल सकती हैं। कण तरंग की दिशा में कंपन करते हैं। सबसे पहले दर्ज की जाती हैं।
2. एस तरंगें (Secondary Waves / Transverse)
पी तरंगों से धीमी (3–5 किमी/सेकंड)। केवल ठोस में चलती हैं। तेज झटके देती हैं और अधिक नुकसान पहुंचाती हैं। कण ऊपर-नीचे कंपन करते हैं।
3. सतही तरंगें (Surface Waves)
सबसे धीमी (2–3 किमी/सेकंड) लेकिन सबसे अधिक विनाशकारी। ये सतह पर चलती हैं। दो प्रकार – लव तरंगें (क्षैतिज हिलना) और रेले तरंगें (वृत्ताकार गति)।
✅ निष्कर्ष: पी तरंगें → सबसे तेज, कम नुकसान; एस तरंगें → ठोस तक सीमित, अधिक नुकसान; सतही तरंगें → सबसे धीमी, सबसे विनाशकारी।
📌 ट्रिक: P = पहले, S = Solid (केवल ठोस), L = Last (सबसे विनाशकारी)
🔹 भूकंप का मापन
| विशेषता | रिक्टर स्केल | मर्केली स्केल |
|---|---|---|
| मापन | परिमाण (ऊर्जा की मात्रा) | तीव्रता (प्रभाव की डिग्री) |
| आधार | भूकंपीय यंत्र से तरंग की लंबाई | प्रत्यक्ष प्रभाव और क्षति |
| प्रकृति | लघुगणकीय | रेखीय और गुणात्मक |
| स्केल | कोई निश्चित सीमा नहीं | I से XII (MM) |
🔹 ज्वालामुखी (Volcano)
ज्वालामुखी पृथ्वी के भीतर से लावा, गैस और राख का विस्फोट है।
आकार और संरचना के आधार पर प्रकार
- शील्ड ज्वालामुखी: चौड़े, समतल, बेसाल्टिक लावा से बने। उदाहरण – मौना लोआ (हवाई)।
- संयुक्त ज्वालामुखी (Composite): राख और लावा की परतों से बने, शंक्वाकार, विस्फोटक। उदाहरण – फुजियामा (जापान)।
- सिंडर शंकु ज्वालामुखी: छोटे, खड़ी ढलान वाले, राख और पत्थरों से बने। उदाहरण – पेरिकुटिन (मेक्सिको)।
- कैल्डेरा: जब विस्फोट के बाद शिखर धंसकर गड्ढा बना दे। उदाहरण – क्रेटर लेक (यूएसए)।
- फ्लड बेसाल्ट प्रांत: विशाल क्षेत्र में लावा का फैलाव। उदाहरण – दक्कन ट्रैप (भारत)।
सक्रियता के आधार पर प्रकार
- सक्रिय ज्वालामुखी – जैसे बैरन द्वीप (भारत)।
- सुप्त ज्वालामुखी – जैसे वेसुवियस (इटली)।
- मृत ज्वालामुखी – जैसे अरावली पर्वत शिखर।
🔹 ज्वालामुखीय स्थलाकृतियाँ (आंतरिक)
जब मैग्मा पृथ्वी की सतह तक न पहुँचकर अंदर ही ठंडा हो जाता है, तो ये स्थलाकृतियाँ बनती हैं:
- बैथोलिथ: बड़े, अनियमित शिलाखंड। उदाहरण – रॉकी पर्वत।
- लैक्कोलिथ: गुंबदाकार संरचना, आधार समतल। उदाहरण – टेक्सास (यूएसए)।
- लोपोलिथ: उल्टे कटोरे जैसी संरचना।
- फैक्कोलिथ: मुड़ी हुई पर्वत श्रृंखलाओं में लेंस के आकार की संरचना।
- सिल्स: क्षैतिज चादर जैसी संरचना।
- डाइक: ऊर्ध्वाधर दीवार जैसी संरचना, दक्कन ट्रैप में सामान्य।
🌍 शैडो ज़ोन (Shadow Zone)
शैडो ज़ोन वे क्षेत्र हैं जहाँ भूकंपीय तरंगें दर्ज नहीं की जातीं। एस-तरंगें द्रव से नहीं गुजर सकतीं, इसलिए बाहरी द्रव कोर पर रुक जाती हैं। पी-तरंगें अपवर्तन के कारण मुड़ जाती हैं और आंशिक शैडो ज़ोन बनाती हैं।
| तरंग | शैडो ज़ोन | कारण |
|---|---|---|
| एस-तरंगें | 105° के बाद | द्रव बाहरी कोर से नहीं गुजर सकतीं |
| पी-तरंगें | 105° – 145° | अपवर्तन के कारण दिशा बदलती है |
📘 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न (उत्तर सहित), जो UPSC, SSC, RPSC जैसी परीक्षाओं में पूछे गए हैं:
- पृथ्वी का औसत त्रिज्या क्या है? ✅ 6,371 किमी
- पृथ्वी की सबसे बाहरी परत कौन सी है? ✅ भूपर्पटी
- गर्भ की संरचना मुख्यतः किससे बनी है? ✅ निकेल + लौह (NIFE)
- सबसे तेज भूकंपीय तरंग कौन सी है? ✅ पी तरंग
- सबसे विनाशकारी तरंग कौन सी है? ✅ सतही (L) तरंग
- शैडो ज़ोन किस कारण से बनता है? ✅ पी और एस तरंगों के अपवर्तन से
- परिमाण मापने का पैमाना कौन सा है? ✅ रिक्टर स्केल
- तीव्रता मापने का पैमाना कौन सा है? ✅ मर्केली स्केल
✅ निष्कर्ष
पृथ्वी के आंतरिक भाग का अध्ययन हमें भूकंप, ज्वालामुखी और स्थलाकृतियों को समझने में मदद करता है। भूकंपीय तरंगें और ज्वालामुखीय क्रियाएँ वैज्ञानिकों को भूपर्पटी, म्यान और गर्भ के बारे में जानकारी देती हैं। यह ज्ञान न केवल भूगोल के लिए बल्कि आपदा प्रबंधन और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है।






