Geography 12th Secondary Activities

Sharvan Patel
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📘 अध्याय – 5

द्वितीयक क्रियाएँ / उद्योग (Secondary Activities / Industries)

🔹 द्वितीयक क्रियाएँ

प्राथमिक क्रियाओं से प्राप्त संसाधनों को रूपांतरित करके उपयोगी वस्तुएँ बनाना।

जैसे – कच्चे माल को मूल्यवान वस्तु में बदलना (लोहे से इस्पात, कपास से कपड़ा)।

इसमें निर्माण (Manufacturing), निर्माण कार्य (Construction) और उत्पादन से जुड़े उद्योग आते हैं।

🔹 उद्योग (Manufacturing Industries)

परिभाषा: “कच्चे माल से उपयोगी वस्तुएँ तैयार करना।”

उदाहरण: कृषि आधारित उद्योग (कपास से कपड़ा), खनिज आधारित उद्योग (लौह-इस्पात)।

उद्योग किसी विशेष स्थान पर स्थापित फैक्ट्री होते हैं, जिनके संचालन में श्रम, पूँजी, तकनीक और बाजार की आवश्यकता होती है।

🔹 उद्योगों के विकास के कारक

  1. कच्चे माल की उपलब्धता – उद्योग वहाँ लगते हैं जहाँ कच्चा माल पास हो (जैसे कपड़ा उद्योग – कपास क्षेत्र)।

  2. ऊर्जा (Power Supply) – जैसे कोयला, बिजली, पेट्रोलियम।

  3. श्रम (Labour Supply) – सस्ते और कुशल मजदूर।

  4. बाज़ार (Market) – उत्पाद बेचने के लिए पास में उपभोक्ता।

  5. परिवहन और संचार (Transport & Communication) – सामान लाने और ले जाने की सुविधा।

  6. सरकारी नीतियाँ (Government Policy) – औद्योगिक क्षेत्रों का विकास।


🔹 उद्योगों का वर्गीकरण

  1. आकार (Size) के आधार पर

    • लघु उद्योग (Cottage/Small Scale) – परिवार आधारित, हाथ से कार्य (जैसे हथकरघा)।

    • मध्यम उद्योग (Medium Scale)।

    • विशाल उद्योग (Large Scale) – भारी मशीनें, पूँजी और बड़े श्रमिक बल (जैसे इस्पात कारख़ाना)।

  2. कच्चे माल के आधार पर

    • कृषि आधारित उद्योग – खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा, चीनी, वनस्पति तेल।

    • खनिज आधारित उद्योग – लौह-इस्पात, सीमेंट, एल्युमिनियम।

    • वन आधारित उद्योग – कागज, फर्नीचर, मैच उद्योग।

    • पशु आधारित उद्योग – चमड़ा, ऊन, डेयरी।

  3. स्वामित्व के आधार पर

    • सार्वजनिक क्षेत्र (Public Sector) – सरकारी (BHEL, SAIL)।

    • निजी क्षेत्र (Private Sector)।

    • मिश्रित क्षेत्र (Mixed Sector)।

    • सहकारी क्षेत्र (Cooperative Sector)।


🔹 आधुनिक उद्योगों की विशेषताएँ

  • बड़ी पूँजी और मशीनों का प्रयोग।

  • विशेषीकरण और श्रम का बँटवारा।

  • उत्पादन का उच्च स्तर।

  • शहरी क्षेत्रों और बड़े परिवहन तंत्र से जुड़ाव।


🔹 प्रमुख उद्योग

  • कृषि आधारित: कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, गन्ना चीनी।

  • खनिज आधारित: लौह-इस्पात, सीमेंट, एल्युमिनियम।

  • उपभोक्ता वस्तुएँ: साबुन, दवा, पैकेजिंग।

  • सूचना तकनीक व उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग।


🔹 पर्यावरणीय प्रभाव

  • औद्योगिक प्रदूषण (वायु, जल, ध्वनि)।

  • अपशिष्ट प्रबंधन की समस्या।

  • सतत विकास हेतु स्वच्छ और हरित तकनीक की आवश्यकता।


निष्कर्ष – द्वितीयक क्रियाएँ मानव जीवन में उन्नति और आर्थिक विकास की रीढ़ हैं। उद्योगों से रोजगार, शहरीकरण और तकनीकी प्रगति होती है, लेकिन इनके दुष्प्रभावों से बचने हेतु संतुलित व पर्यावरणीय दृष्टि से अनुकूल नीतियों की आवश्यकता है।


# 📘 अभ्यास प्रश्नोत्तर

## (अध्याय – 5 : द्वितीयक क्रियाएँ)

प्रश्न 1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए

(i) इनमें से कौन-सा कथन ग़लत है?

(a) ग्वालियर के पास चूना पत्थर की खदानों की निकटता के कारण वहाँ उद्योग विकसित हुआ।

(b) चीन, लकड़ी आधारित तथा वन आधारित उद्योगों में प्रमुख है।

 (c) लौह-इस्पात उद्योगों की स्थिति से कोयले के महत्व को कम आँका गया है।

(d) उद्योगों के विकास में शहरी क्षेत्रों का योगदान महत्त्वपूर्ण है।

👉 उत्तर (c) लौह-इस्पात उद्योगों की स्थिति से कोयले के महत्व को कम आँका गया है।

(ii) इनमें से किस आर्थिक व्यवस्था में उत्पादन का स्वामित्व निजी व्यक्तियों के पास होता है?

(a) साम्यवादी

(b) मिश्रित

(c) पूँजीवादी

(d) कोई नहीं

👉उत्तर: (c) पूँजीवादी

(iii) इनमें से कौन-सा ऐसा उद्योग है जो अन्य उद्योगों के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराता है?

 (a) लघु उद्योग

(b) घरेलू उद्योग

 (c) आधारभूत उद्योग

(d) स्वच्छ उद्योग

👉 उत्तर:(c) आधारभूत उद्योग

(iv) निम्नलिखित में सही युग्म मिलाइए –

 (a) लोक परिवहन उद्योग – वॉल्क्सवैगन

 (b) इस्पात उद्योग – जामशेदपुर

(c) ऑटोमोबाइल उद्योग – टाटा मोटर्स

 (d) वस्त्र उद्योग – लुधियाना

👉 उत्तर: सभी युग्म सही हैं।

 प्रश्न 2. (लगभग 30 शब्दों में उत्तर लिखिए)

(i) उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग की विशेषताएँ बताइए।

👉 उत्तर: उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग कंप्यूटर, सूचना तकनीक, जैव प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि पर आधारित होते हैं। इनमें वैज्ञानिक अनुसंधान, उच्च तकनीकी कौशल और पूँजी प्रधान उत्पादन होता है।

(ii) निर्माण (Manufacturing) की परिभाषा लिखिए।

👉 उत्तर: निर्माण वह प्रक्रिया है जिसमें कच्चे माल को मशीनों, तकनीक और श्रम की सहायता से बदलकर उपयोगी वस्तुओं में परिवर्तित किया जाता है।

(iii) स्वच्छ उद्योग (Footloose Industry) क्या है?

👉 उत्तर: ऐसे उद्योग जो किसी विशेष स्थान, कच्चे माल या ऊर्जा स्रोत पर निर्भर नहीं होते और कहीं भी स्थापित हो सकते हैं, स्वच्छ उद्योग कहलाते हैं।

उदाहरण – सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग।

प्रश्न 3. (लगभग 150 शब्दों में उत्तर लिखिए)

(i) प्राथमिक और द्वितीयक क्रियाओं में क्या अंतर है?

👉 उत्तर:  

प्राथमिक क्रियाएँ वे हैं जिनमें मनुष्य सीधे प्रकृति से संसाधन प्राप्त करता है जैसे – कृषि, खनन, मत्स्य पालन।

द्वितीयक क्रियाएँ वे हैं जिनमें इन संसाधनों को बदलकर उपयोगी वस्तुएँ बनाई जाती हैं, जैसे – कपड़ा उद्योग, इस्पात उद्योग।

  अंतर प्राथमिक क्रियाएँ प्रकृति पर निर्भर होती हैं, जबकि द्वितीयक क्रियाएँ प्राथमिक क्रियाओं पर निर्भर होती हैं और इनमें मूल्य संवर्धन (Value Addition) किया जाता है।

(ii) विकसित देशों में आधुनिक उद्योगों की विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।

👉 उत्तर:

1. भारी मशीनों व उन्नत तकनीक का प्रयोग।

2. बड़ी पूँजी और उच्च उत्पादकता।

3. श्रम का विशेषीकरण और वैज्ञानिक अनुसंधान।

4. उत्पादन का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वितरण।

5. औद्योगिक नगरों और कॉरिडोर में केंद्रीकरण।

(iii) अधिकांश उद्योग बड़े शहरों और महानगरों में ही क्यों स्थापित होते हैं?

👉 उत्तर:

बड़े शहरों में विशाल उपभोक्ता बाजार मिलता है।

परिवहन व संचार की अच्छी सुविधा होती है।

 श्रमबल (कुशल व अकुशल) आसानी से उपलब्ध होता है।

बिजली, पानी और अवसंरचना आसानी से मिलती है।

 सरकार भी यहाँ निवेश को बढ़ावा देती है।

(iv) विकासशील देशों में पारंपरिक उद्योगों का महत्व कम क्यों हुआ है?

👉 उत्तर:

 मशीनों और नई तकनीक ने हस्तशिल्प उद्योगों को पीछे छोड़ दिया।

 पारंपरिक उद्योग श्रमसाध्य और कम उत्पादन वाले हैं।

 आधुनिक उद्योगों से सस्ता व बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है।

बदलते फैशन और वैश्विक प्रतिस्पर्धा से इनकी मांग कम हुई।

  हालाँकि ये उद्योग सांस्कृतिक धरोहर और ग्रामीण आजीविका के लिए अभी भी महत्त्वपूर्ण हैं।


प्रश्न 4. (गतिविधि आधारित प्रश्न)

(i) विद्यालय परिसर का सर्वेक्षण करके कारख़ानों में निर्मित वस्तुओं की सूची बनाइए।

👉 उत्तर (उदाहरण): डेस्क, कुर्सियाँ, ब्लैकबोर्ड, किताबें, कॉपियाँ, यूनिफ़ॉर्म, पंखे, लाइटें, जूते, पानी की बोतल, बस आदि।

(ii) ‘संसाधन’ और ‘असंसाधन’ का अर्थ बताइए। उद्योगों के लिए कौन-से पदार्थ उपयुक्त हैं?

👉 उत्तर: संसाधन– वे पदार्थ जिन्हें मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उपयोग करता है।

असंसाधन – वे पदार्थ जिनका कोई उपयोग नहीं किया जाता।

उद्योगों के लिए वे पदार्थ उपयुक्त हैं जिन्हें संसाधित कर वस्तु बनाई जा सके, जैसे कपास, लौह-अयस्क, लकड़ी, खनिज आदि

(iii) अपने चारों ओर उपभोग की वस्तुओं व उनके उत्पादक उद्योगों की तालिका बनाइए।


| वस्तु | उत्पादक उद्योग |

| ---------- | ------------------------- |

| किताब | कागज एवं प्रकाशन उद्योग |

| यूनिफ़ॉर्म | वस्त्र उद्योग |

| पंखा | विद्युत उपकरण उद्योग |

| दवा | औषधि उद्योग |

| मोबाइल | सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग |

द्वितीयक क्रियाएँ — 25 MCQ क्विज़

द्वितीयक क्रियाएँ — 25 MCQ क्विज़

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