Chapter - 5 द्वितीयक क्रियाएँ (कक्षा-12)

Sharvan Patel
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📘 द्वितीयक क्रियाएँ (कक्षा-12)

द्वितीयक आर्थिक क्रिया: प्राकृतिक रूप से प्राप्त कच्चे माल को जब मनुष्य अपना कौशल, ज्ञान एवं श्रम लगाकर नये उपयोगी उत्पाद में बदल देता है तो इसे द्वितीयक आर्थिक क्रिया कहा जाता है।

🔹 विनिर्माण

विनिर्माण से आशय किसी भी वस्तु के उत्पादन से है। हस्तशिल्प से लेकर लोहे व इस्पात को गढ़ना, अंतरिक्ष यान का निर्माण इत्यादि सभी प्रकार के उत्पादन को विनिर्माण के अंतर्गत ही माना जाता है।

🔹 उद्योगों का वर्गीकरण

उद्योगों का वर्गीकरण मुख्यतः 4 आधारों पर किया जाता है:

  • आकार के आधार पर
  • कच्चे माल के आधार पर
  • उत्पाद के आधार पर
  • स्वामित्व के आधार पर

🔹 कुटीर उद्योग

कुटीर उद्योग उन उद्योगों को कहते हैं जिनमें लोग अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर स्थानीय कच्चे माल की सहायता से घर पर ही दैनिक उपयोग की वस्तुओं का निर्माण करते हैं।

🔹 उत्पाद आधारित उद्योग

कुछ उद्योगों के उत्पाद अन्य उद्योगों के लिए कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त होते हैं। जैसे लकड़ी की लुग्दी बनाने का उद्योग – कागज के उद्योग के लिए कच्चा माल प्रदान करेगा। अतः कागज उद्योग उत्पाद आधारित उद्योग होगा।

🔹 छोटे पैमाने के उद्योग

  • निर्माण स्थल: घर से बाहर कारखाना।
  • कच्चा माल: स्थानीय कच्चे माल का उपयोग।
  • रोजगार: स्थानीय लोगों को अधिक रोजगार।

🔹 बड़े पैमाने के उद्योग

  • विकसित प्रौद्योगिकी एवं कुशल श्रमिक।
  • विशाल बाजार हेतु उत्पादन।
  • अधिक पूँजी और विविध कच्चे माल का प्रयोग।

🔹 कौशल विशिष्टिकरण

बड़े पैमाने पर उत्पादन में प्रत्येक कारीगर निरंतर एक ही कार्य करता है।

🔹 संग्रहण अथव्यवस्था

प्रधान उद्योग की समीपता से अन्य उद्योगों का लाभांवित होना।

🔹 उपभोक्ता वस्तु उद्योग

प्रत्यक्ष उपयोग की वस्तुएँ जैसे ब्रेड, बिस्कुट, चाय, साबुन।

🔹 धुएँ की चिमनी वाला उद्योग

कोयला खदानों के समीप धातु पिघलाने, भारी इंजीनियरिंग, रसायन व निर्माण कार्य करने वाले उद्योग।

🔹 स्वच्छंद उद्योग

  • विशिष्ट कच्चे माल पर निर्भर नहीं।
  • संघटन पुर्जों पर निर्भर।
  • कम उत्पादन व कम श्रमिक।
  • सामान्यतः प्रदूषण रहित।

🔹 कृषि व्यापार / कृषि कारखाने

औद्योगिक पैमाने पर की जाने वाली व्यापारिक कृषि। बड़े, यंत्रीकृत, रसायन आधारित फार्म।

❓ प्रश्नोत्तर

Q. लौह इस्पात उद्योग को आधारभूत उद्योग क्यों कहा जाता है?
👉 क्योंकि यह अन्य उद्योगों के लिए मशीनें व कच्चा माल उपलब्ध कराता है।

Q. लौह इस्पात उद्योग को भारी उद्योग क्यों कहते हैं?
👉 क्योंकि इसमें भारी कच्चा माल व भारी उत्पाद होते हैं।

🔹 प्रौद्योगिक ध्रुव

उच्च प्रौद्योगिकी उद्योगों का क्षेत्रीय समूह।
उदाहरण: सिलिकन घाटी (अमेरिका), बेंगलुरु (भारत)।

🔹 जंग का कटोरा

पिट्सबर्ग (अमेरिका) को “जंग का कटोरा” कहा जाता है क्योंकि लौह उत्पादन का महत्व घट गया।

🔹 उद्योगों की स्थापना को प्रभावित करने वाले कारक

  • कच्चे माल की उपलब्धता
  • अनुकूल जलवायु
  • शक्ति के साधन
  • श्रम की उपलब्धता
  • पूँजी

📘 प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्न

UPSC प्रीलिम्स 2024 → कृषि उत्पाद भंडारण = द्वितीयक ❌, डेयरी = प्राथमिक ✅, खनिज अन्वेषण = प्राथमिक ✅, कपड़ा बुनाई = द्वितीयक ✅
सही युग्म = 2

SSC GD 2022 → द्वितीयक क्षेत्र = विनिर्माण ✅

UPSC Mains GS-1
प्राथमिक → संसाधन प्राप्ति।
द्वितीयक → मूल्य संवर्धन।
योगदान → GDP, रोज़गार, शहरीकरण।
सतत विकास → हरित तकनीक, प्रदूषण नियंत्रण।

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