भूगोल एक विषय के रूप में Geography Class 11th Notes

Sharvan Patel
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भूगोल एक विषय के रूप में

अध्याय – 1 : भूगोल एक विषय के रूप में

  • एक स्वतंत्र विषय के रूप में भूगोल के अंतर्गत भौतिक वातावरण, मानवीय क्रियाएँ एवं उनके अंतःक्रियात्मक संबंध के विषय में जानकारी प्राप्त करते हैं।
  • हमारा जीवन हमारे पर्यावरण से अनेक रूपों में प्रभावित होता है।
  • आदिम समाज अपने भरण-पोषण के लिए प्राकृतिक निर्माण संसाधनों (पशु, खाद्य, पौधों) पर आश्रित था।
  • समय के साथ तकनीकों का विकास हुआ और प्राकृतिक संसाधनों (भूमि, मिट्टी, जल) का उपयोग करते हुए मानव ने अपना आहार उत्पादन प्रारंभ किया।
  • भूगोल विविधता समझने तथा समय व स्थान के संदर्भ में ऐसी विभिन्नताओं को उत्पन्न करने वाले कारकों की खोज करने की क्षमता प्रदान करता है।
  • आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक और कुशलता राष्ट्र स्तरीय विकास में योगदान करने की योग्यता प्रदान करती है।
  • भौतिक पर्यावरण एक मंच प्रस्तुत करता है, जिस पर मानव समाजों ने अपने सृजनात्मक क्रियाकलापों का ड्रामा अपनी तकनीकी विकास से प्राप्त उपकरणों द्वारा मंचित किया है।
  • आसान भाषा में कहें तो भूगोल पृथ्वी का वर्णन है।
  • सर्वप्रथम भूगोल शब्द का प्रयोग इरेटोस्थनीज ने किया।
  • Geography शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्दों से मिलकर बना है – Geo (पृथ्वी) तथा Graphos (वर्णन)।
  • विद्वान भूगोल को “मानव के निवास के रूप में पृथ्वी का वर्णन” के रूप में परिभाषित करते हैं।
  • भूगोल सभी प्राकृतिक एवं सामाजिक विषयों से सूचना प्राप्त कर उसका संश्लेषण करता है।
  • भूगोल को क्षेत्रीय भिन्नता का अध्ययन मानना अधिक तार्किक लगता है।
  • भूगोल किन्हीं दो तत्वों या एक से अधिक तत्वों के मध्य कार्य-कारण संबंध को ज्ञात करता है।

भूगोल की प्रकृति

  • भौतिक और मानवीय दोनों प्रकार के भौगोलिक तथ्य गतिशील होते हैं।
  • यह परिवर्तनशील पृथ्वी और सक्रिय मानव के बीच आबद्ध प्रक्रियाओं के फलस्वरूप कालांतर में परिवर्तित होते रहते हैं।
  • भूगोल प्रकृति तथा मानव के समग्र इकाई के रूप में अंतःक्रिया के अध्ययन से संबंधित है।
  • प्रकृति मानव जीवन के विभिन्न पक्षों को प्रभावित करती है।
  • मानव ने प्रकृति के साथ समझौता, अनुकूलन अथवा परिवर्तन के माध्यम से कार्य किया है।
  • तकनीकी के क्रमशः विकास के साथ मानव अपने ऊपर भौतिक पर्यावरण द्वारा कसे हुए बंधन को ढीला करने में सफल हुआ है।
  • तकनीकी ने श्रम की कठोरता को कम करके श्रम क्षमता को बढ़ाया है।
  • अवकाश के प्रावधान ने मानव को उच्चतर आवश्यकताओं को पूर्ण करने का अवसर प्रदान किया है।
  • तकनीकी की मदद से मानव आवश्यकता की अवस्था से स्वतंत्रता की ओर अग्रसर हुआ है।

वैज्ञानिक विषय के रूप में भूगोल

धरातल पर पाए जाने वाले प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विशेषताओं की पहचान से जुड़े प्रश्न – “क्या”

भौतिक एवं सांस्कृतिक तत्वों के वितरण से संबंधित प्रश्न – “कहाँ”

तत्वों एवं तथ्यों के मध्य कार्य-कारण संबंध से जुड़े प्रश्न – “क्यों”

भूगोल एक संश्लेषणात्मक विषय है जो क्षेत्रीय एवं ऐतिहासिक संश्लेषण का प्रयास करता है।

भूगोल का उपागम समग्रात्मक है क्योंकि यह विश्व को एक निर्भर तंत्र के रूप में मानता है।

परिवहन के बेहतर साधनों ने विश्व की दूरियों को कम किया है।

तकनीकी ने प्राकृतिक तथ्यों तथा आर्थिक एवं सामाजिक पैरामीटर के निरीक्षण व परीक्षण को बेहतर बनाया है।

भूगोल के अध्ययन के प्रमुख उपागम

  • विषय-वस्तुगत उपागम – एलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट (जर्मनी)
  • प्रादेशिक उपागम – कार्ल रिटर (जर्मनी)

भूगोल की प्रमुख शाखाएँ

भौतिक भूगोल

  • भूआकृति विज्ञान
  • जलवायु विज्ञान
  • जल विज्ञान
  • मृदा भूगोल

मानव भूगोल

  • सामाजिक / सांस्कृतिक भूगोल
  • जनसंख्या एवं अधिवास भूगोल
  • आर्थिक भूगोल
  • ऐतिहासिक भूगोल
  • राजनीतिक भूगोल

जीव भूगोल

  • जीव भूगोल
  • वनस्पति भूगोल
  • पारिस्थितिकी विज्ञान
  • पर्यावरण भूगोल

भौतिक भूगोल का महत्व

  • भूआकृतियाँ वह आधार प्रदान करती हैं जिन पर मानव क्रियाएँ संपन्न होती हैं।
  • मैदान कृषि के लिए, पठार खनिज व वन संपदा के लिए, पर्वत पर्यटन, चरागाह एवं नदियों के स्रोत होते हैं।
  • जलवायु हमारे घर, वस्त्र, भोजन, कृषि, उद्योग एवं जीवन-शैली को प्रभावित करती है।
  • समुद्र मछली, खनिज एवं ऊर्जा संसाधनों से संपन्न होते हैं।
  • भौतिक पर्यावरण और मानव के बीच गहरा संबंध है, अतः सतत विकास को अपनाना आवश्यक है।

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