जलवायु परिवर्तन (Climate Change)

जलवायु परिवर्तन से तात्पर्य पृथ्वी की औसत जलवायु दशाओं—जैसे तापमान, वर्षा, पवन प्रणाली और मौसम चक्र— में दीर्घकालिक परिवर्तन से है। यह परिवर्तन प्राकृतिक कारणों के साथ-साथ मानव गतिविधियों के कारण तेजी से बढ़ रहा है, जो आज संपूर्ण मानवता के लिए एक गंभीर वैश्विक चुनौती बन चुका है।

“जलवायु परिवर्तन केवल पर्यावरणीय समस्या नहीं, बल्कि यह आर्थिक, सामाजिक और मानवीय संकट भी है।”

1. जलवायु परिवर्तन क्या है? (What is Climate Change)

जब किसी क्षेत्र या संपूर्ण पृथ्वी की जलवायु में दशकों या सदियों तक स्थायी परिवर्तन देखने को मिलता है, तो उसे जलवायु परिवर्तन कहा जाता है। यह सामान्य मौसम परिवर्तन से अलग होता है, क्योंकि मौसम अल्पकालिक होता है जबकि जलवायु दीर्घकालिक प्रवृत्ति को दर्शाती है।

महत्वपूर्ण तथ्य: मौसम (Weather) दैनिक होता है, जबकि जलवायु (Climate) दीर्घकालिक औसत को दर्शाती है।

2. जलवायु परिवर्तन के प्रमुख कारण

(क) प्राकृतिक कारण

  • सूर्य की ऊर्जा में परिवर्तन
  • ज्वालामुखी विस्फोट
  • पृथ्वी की कक्षा एवं झुकाव में परिवर्तन
  • महासागरीय परिसंचरण में बदलाव

(ख) मानव जनित कारण

वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन का सबसे बड़ा कारण मानव गतिविधियाँ हैं, जिनसे ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा असंतुलित रूप से बढ़ रही है।

  • जीवाश्म ईंधनों का अत्यधिक उपयोग
  • वनों की कटाई (Deforestation)
  • औद्योगिकीकरण और शहरीकरण
  • कृषि से निकलने वाली मीथेन गैस
  • वाहनों और बिजली संयंत्रों से उत्सर्जन

3. ग्रीनहाउस प्रभाव और जलवायु परिवर्तन

ग्रीनहाउस प्रभाव एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमें वायुमंडल की कुछ गैसें पृथ्वी से निकलने वाली ऊष्मा को रोक लेती हैं। परंतु जब इन गैसों की मात्रा अत्यधिक बढ़ जाती है, तो यह वैश्विक तापन (Global Warming) का कारण बनता है।

मुख्य ग्रीनहाउस गैसें

  • कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
  • मीथेन (CH₄)
  • नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O)
  • क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs)
“अत्यधिक ग्रीनहाउस गैसें पृथ्वी को एक बंद कमरे की तरह गर्म कर देती हैं।”

4. जलवायु परिवर्तन के प्रभाव

(क) पर्यावरणीय प्रभाव

  • वैश्विक तापमान में वृद्धि
  • हिमनदों का तीव्र पिघलना
  • समुद्र तल में वृद्धि
  • चरम मौसम घटनाएँ (बाढ़, सूखा, चक्रवात)

(ख) मानव जीवन पर प्रभाव

  • खाद्य सुरक्षा पर खतरा
  • जल संकट
  • स्वास्थ्य समस्याएँ
  • जलवायु शरणार्थियों की वृद्धि

5. भारत पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

भारत जैसे विकासशील देश पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव विशेष रूप से गंभीर है, क्योंकि यहाँ की अर्थव्यवस्था कृषि और मानसून पर अत्यधिक निर्भर है।

  • मानसून की अनिश्चितता
  • सूखा और बाढ़ की बढ़ती घटनाएँ
  • तटीय क्षेत्रों में समुद्र जल का अतिक्रमण
  • हिमालयी हिमनदों का पिघलना

6. जलवायु परिवर्तन से निपटने के उपाय

(क) शमन उपाय (Mitigation)

  • नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग
  • कार्बन उत्सर्जन में कटौती
  • वन संरक्षण और वनीकरण

(ख) अनुकूलन उपाय (Adaptation)

  • जल संरक्षण तकनीकें
  • जलवायु-सहिष्णु कृषि
  • आपदा प्रबंधन प्रणाली

7. अंतरराष्ट्रीय प्रयास

समझौता वर्ष उद्देश्य
UNFCCC 1992 ग्रीनहाउस गैसों पर नियंत्रण
क्योटो प्रोटोकॉल 1997 उत्सर्जन में कटौती
पेरिस समझौता 2015 ताप वृद्धि 2°C से नीचे रखना
निष्कर्ष: जलवायु परिवर्तन मानव द्वारा उत्पन्न संकट है, जिसका समाधान भी मानव के सामूहिक प्रयासों से ही संभव है। सतत विकास और पर्यावरणीय संतुलन ही भविष्य की कुंजी है।