पश्चिमी घाट की नदियाँ डेल्टा क्यों नहीं बनातीं?
पश्चिमी घाट की नदियाँ सामान्यतः डेल्टा नहीं बनातीं, इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं—
1. नदियों की लंबाई कम
पश्चिमी घाट से निकलने वाली नदियाँ (जैसे—शरावती, मांडवी, जुआरी, पेरियार आदि) बहुत छोटी होती हैं और जल्दी ही अरब सागर में गिर जाती हैं।
➡️ कम दूरी तय करने के कारण ये नदियाँ कम अवसाद (sediments) ला पाती हैं।
2. ढाल (Gradient) अधिक
पश्चिमी घाट की ढाल बहुत तीव्र होती है।
➡️ नदियाँ तेज़ वेग से बहती हैं, जिससे अवसाद को जमा करने के बजाय बहाकर ले जाती हैं।
3. अवसाद की मात्रा कम
इन नदियों का अपरदन मुख्यतः कटाव (vertical erosion) करता है, न कि निक्षेपण।
➡️ डेल्टा निर्माण के लिए आवश्यक सूक्ष्म अवसाद पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता।
4. अरब सागर की तीव्र लहरें और धाराएँ
अरब सागर में
- लहरें (Waves)
- ज्वारीय धाराएँ (Tidal currents)
बहुत शक्तिशाली होती हैं।
➡️ ये नदियों द्वारा लाए गए अवसाद को समुद्र में फैला देती हैं, जिससे डेल्टा बनने नहीं देता।
5. संकीर्ण महाद्वीपीय शेल्फ (Continental Shelf)
पश्चिमी तट पर महाद्वीपीय शेल्फ संकीर्ण है।
➡️ अवसाद को जमा होने का पर्याप्त स्थान नहीं मिलता।
6. मुहाने पर एस्ट्यूरी (Estuary) का निर्माण
डेल्टा के बजाय यहाँ एस्ट्यूरी (नदीमुख) बनते हैं, जैसे—
- मांडवी
- जुआरी
- शरावती
निष्कर्ष
पश्चिमी घाट की नदियाँ बनाम पूर्वी घाट की नदियाँ (तुलना)
नीचे पश्चिमी घाट की नदियाँ बनाम पूर्वी घाट की नदियाँ की तुलनात्मक सारणी दी जा रही है, जो परीक्षा के लिए बहुत उपयोगी है—
| आधार | पश्चिमी घाट की नदियाँ | पूर्वी घाट की नदियाँ |
|---|---|---|
| 1. लंबाई | छोटी | लंबी |
| 2. ढाल (Gradient) | तीव्र ढाल | मंद ढाल |
| 3. प्रवाह की दिशा | पश्चिम की ओर | पूर्व की ओर |
| 4. समुद्र में गिराव | अरब सागर | बंगाल की खाड़ी |
| 5. वेग | तेज | अपेक्षाकृत धीमा |
| 6. अपरदन का प्रकार | ऊर्ध्वाधर अपरदन (Vertical erosion) | पार्श्व अपरदन (Lateral erosion) |
| 7. अवसाद की मात्रा | कम | अधिक |
| 8. डेल्टा निर्माण | डेल्टा नहीं बनता | विस्तृत डेल्टा बनता है |
| 9. नदीमुख | एस्ट्यूरी (Estuary) का निर्माण | डेल्टा (Delta) का निर्माण |
| 10. महाद्वीपीय शेल्फ | संकीर्ण | विस्तृत |
| 11. समुद्री लहरें | तीव्र (Strong waves) | अपेक्षाकृत मंद |
| 12. उदाहरण | शरावती, मांडवी, पेरियार, जुआरी | गंगा, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी |
परीक्षा उपयोगी निष्कर्ष (2–3 पंक्तियाँ)
जबकि पूर्वी घाट की नदियाँ लंबी, मंद ढाल वाली होती हैं और बंगाल की खाड़ी में विस्तृत डेल्टा बनाती हैं।
